लखनऊ: उत्तर प्रदेश देश में सबसे बड़े एथेनॉल उत्पादक राज्य के रूप में उभरा है। राज्य भर में स्थापित 54 डिस्टिलरी द्वारा कुल 58 करोड़ लीटर एथेनॉल का उत्पादन किया गया।
आईएएनएस न्युज एजेंसी के मुताबिक, राज्य सरकार के प्रवक्ता के अनुसार, राज्य ने वर्ष 2020-21 में 58 करोड़ लीटर एथेनॉल का निर्माण किया है। उन्होंने कहा, किसानों को बड़ी राहत देते हुए एथेनॉल की बिक्री से गन्ना किसानों के खातों में 864 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भुगतान भेजा गया है। पेट्रोल में एथेनॉल मिलाकर, उत्तर प्रदेश सरकार भारत के विदेशी मुद्रा भंडार के कुल 75.58 मिलियन डॉलर की बचत करने में सक्षम रही है, जिससे अर्थव्यवस्था को बड़ा बढ़ावा मिला है।
केंद्र सरकार की एथेनॉल समिश्रण निति के तहत उत्तर प्रदेश सरकार भी मिलों को ज्यादा से ज्यादा एथेनॉल उत्पदान करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। नतीजन राज्य में एथेनॉल उत्पादन प्रचुर मात्रा में बढ़ रहा है। साथ ही एथेनॉल उत्पादन बढ़ने से अधिशेष चीनी की समस्या भी कम होती नजर आ रही है।
भारत में एथेनॉल उत्पादन को लेकर अभी काफी चर्चा है और पिछले कुछ वर्षों में इस उद्योग में बहुत अच्छा बदलाव आया है।
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने एक नवीनतम अपडेट में कहा कि एथेनॉल आपूर्ति वर्ष 2013-14 के दौरान एथेनॉल मिश्रण 1.53 प्रतिशत से बढ़कर चल रहे एथेनॉल आपूर्ति वर्ष 2020-21 में 7.93 प्रतिशत हो गया है।
सरकार के एथेनॉल उत्पादन पर जोर देने के बाद, कई कम्पनियाँ उद्योग में निवेश करने के लिए इच्छुक है। हालही में कई शुगर कंपनियों ने डिस्टिलरी स्थापित करने का ऐलान किया है।
आपको बता दे, सरकार का टारगेट है की 2025 तक पेट्रोल के साथ 20 प्रतिशत एथेनॉल सम्मिश्रण के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके।
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