आगरा : भारतीय मक्का अनुसंधान संस्थान (लुधियाना, पंजाब) के वैज्ञानिकों के द्वारा सोरों के फतेहपुर कलां में खरीफ की मक्का फील्ड दिवस आयोजित किया गया। कृषि वैज्ञानिकों ने कहा की, मक्का फसल एथेनॉल उद्योग के लिए वरदान साबित हुई है, और साथ ही किसानों की आय में भी इस फसल से बढ़ोतरी हो रही है।
हिंदुस्तान में प्रकाशित खबर के अनुसार, आईआईएमआर के तुषार यादव ने किसानों को बताया कि इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य मक्का की खेती को बढ़ाना है। धान की खेती से उत्पन्न पर्यावरणीय और कृषि संबंधी चुनौतियों का समाधान किया जा सके।धान की फसल को उगाने में प्रति किलोग्राम करीब पांच हजार लीटर पानी की आवश्यकता होती है। जिससे भूजल स्तर में कमी आ रही है। पराली जलाने से वायु प्रदूषण में भी होता है। मक्का की फसल किसानों व एथेनॉल उद्योग के लिए काफी फायदेमंद है। कृषि उप निदेशक महेंद्र सिंह, अपर जिला कृषि अधिकारी रंजीत यादव और वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. एसएल जाट ने किसानों को पूर्व बुवाई उपचार, खरपतवार और पोषक तत्व प्रबंधन आदि की जानकारी किसानों को दी।