लखनऊ: उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों के लिए एक बुरी खबर है, राज्य सरकार ने इस साल भी गन्ने के राज्य सलाहकार मूल्य (एसएपी) न बढ़ाने का फैसला किया है। आपको बता दे की, लगातार तीसरे वर्ष, राज्य सलाहकार मूल्य (एसएपी) को मौजूदा पेराई सत्र के लिए भी किसी भी प्रकार का बदलाव किये बिना मंत्रिमंडल द्वारा मंजूरी दे दी गई है। राज्य में सरकार के सत्ता में आने के बाद एसएपी को आखिरी बार 2017-18 के पेराई सत्र में बढ़ाया गया था। आखिरी बढ़ोतरी के वक़्त, राज्य में तीन अलग-अलग किस्मों के गन्ने का एसएपी सामान्य किस्म के लिए 315 रुपये प्रति क्विंटल, शुरुआती किस्म के लिए 325 रुपये और अस्वीकृत किस्मों के लिए 310 रूपये निर्धारित किया गया था ।
सरकारी अधिकारियों ने कहा कि, ज्यादातर मिलों ने पिछले साल के एसएपी के आधार पर भुगतान करना शुरू कर दिया है। इसलिए, SAP को बदलने से बहुत फर्क नहीं पड़ता।
विपक्ष ने सरकार को फटकार लगाई और कहा कि यह विधानसभा से सड़कों तक किसानों के अधिकारों के लिए लड़ेगी। सपा प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा, यह सरकार की किसान विरोधी मानसिकता का एक और प्रमाण है। उन्होंने साबित किया है कि वे केवल चीनी मिलर्स का फायदा देखते हैं, किसानों का नहीं। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा, सबसे पहले, सरकार यह सुनिश्चित नहीं कर पाई है कि पिछले सीज़न के भुगतान क्लियर किए जाएं। उसके ऊपर, उन्होंने एसएपी को नहीं बढ़ाया। हम इस मुद्दे को ऐसे ही नहीं छोड़ेंगे और इसे विधानसभा में उठाएंगे और सड़कों पर विरोध प्रदर्शन करेंगे। ‘