मुंबई / लखनऊ: महाराष्ट्र के चीनी उद्योग ने राज्य सरकार से राज्य के बाहर चीनी बिक्री के लिए 1,500 प्रति टन की परिवहन सब्सिडी देने की मांग की है। उत्तर प्रदेश ने इसको लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
फाइनेंसियल एक्सप्रेस डॉट कॉम में प्रकाशित खबर के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में चीनी उद्योग ने दावा किया है कि, इस तरह के सब्सिडी से देश में चीनी का व्यापार प्रभावित हो सकता है। उत्तर प्रदेश शुगर मिल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सीबी पटोडिया ने केन्द्रीय खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के सचिव को लिखा है कि, महाराष्ट्र सरकार द्वारा चीनी मिलों को परिवहन सब्सिडी दिए जाने से महाराष्ट्र की मिलों को लाभ होगा, और अन्य राज्य की मिलें प्रतिस्पर्धा में टिकेगी नहीं। पत्र में कहा गया है कि, इससे न केवल यूपी में चीनी की बिक्री प्रभावित होगी, बल्कि लाखों किसानों को गन्ना मूल्य भुगतान को खतरा होगा। एकतरफा प्रोत्साहन या छूट से बाजार की गतिशीलता प्रभावित होगी और प्रमुख चीनी उत्पादक राज्यों को भारी नुकसान होगा।
पत्र में कहा गया है कि, परंपरागत रूप से, यूपी की चीनी मिलें देश के पूर्वी और पूर्वोत्तर हिस्सों में अपनी उपज बेचती हैं। तीन से पांच साल की अवधि में, राज्य में उत्पादन की मात्रा बढ़ गई है, जबकि चीनी की खपत में ज्यादा बदलाव नहीं हुआ है। चीनी उद्योग यूपी सरकार से राज्य में चीनी मिलों को समान छूट / प्रोत्साहन प्रदान करने का भी अनुरोध कर रहा है ताकि वे बाजार की प्रतिस्पर्धा में जीवित रह सकें।