लखनऊ: कोरोना संकट ने चीनी उद्योग को बड़ा परेशान किया है लेकिन इसके बावजूद चीनी मिलें इस संकट का सामना कर गन्ना पेराई में जुटी हुई है। अगर बात करे महाराष्ट्र की तो राज्य में सिर्फ अभी एक ही चीनी मिल चल रही है, जबकि उत्तर प्रदेश में अभी भी कई चीनी मिलें चल रही है।
वही इस सीजन ज्यादा गन्ना मिलने के कारण उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों ने चीनी उत्पादन में एक नया रिकॉर्ड बनाया है। ISMA द्वारा उपलब्ध कराये गए आंकड़ों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों ने 15 मई 2020 तक 122.28 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है, जो पिछले वर्ष की इसी तारीख को उत्पादित 116.80 लाख टन के उत्पादन की तुलना में 5.48 लाख टन अधिक है। यह उत्पादन राज्य में अब तक का सबसे अधिक चीनी उत्पादन है, जो 2017-18 के चीनी सीजन में उत्पादित 120.45 लाख टन से अधिक है। इस वर्ष संचालित 119 मिलों में से 73 मिलों ने अपनी पेराई समाप्त कर दी है और 46 मिलें अपना परिचालन जारी रखे हुए हैं, जबकि पिछले वर्ष 15 मई 2019 को 28 मिलें चल रही थीं।
पूर्वी उत्तर प्रदेश की मिलों ने अपने पेराई कार्यों को पहले ही बंद कर दिया है। सेंट्रल उत्तर प्रदेश में लगभग 40 प्रतिशत मिलें चल रही हैं, जबकि पश्चिम उत्तर प्रदेश में लगभग 70 प्रतिशत मिलें चल रही हैं। अधिकांश ऑपरेटिंग मिलों के इस महीने के अंत तक बंद होने की उम्मीद है, हालांकि, कुछ जून 2020 के 1 सप्ताह तक जारी रह सकते हैं।
राज्य में पेराई सत्र थोड़ा लंबा हुआ है क्यूंकि लॉकडाउन के चलते ज्यादातर गुर / खंडसारी इकाइयों ने अपना परिचालन बंद कर दिया है और वहा का गन्ना चीनी मिलों में भेज दिया गया है, जिसके चलते मिलों के पास इस सीजन ज्यादा गन्ना पेराई के लिए आया और चीनी उत्पादन में भी बढ़ोतरी दिखी।
उत्तर प्रदेश चीनी उत्पादन में नया रिकॉर्ड यह न्यूज़ सुनने के लिए प्ले बटन को दबाये.