उत्तर प्रदेश: लंबित भुगतान मामलें में चीनी उत्पादक कंपनियां सरकार के रडार पर

लखनऊ : गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने गुरुवार कहा की, उत्तर प्रदेश सरकार लंबित भुगतान मामलें में चार शुगर कंपनियां – बजाज हिंदुस्तान, मोदी, सिंभावली और यदुस पर कड़ी नजर रख रही है, और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने में संकोच नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि, राज्य में चल रहे 2020-21 पेराई सत्र (अक्टूबर-सितंबर) में मिलों द्वारा 10,000 करोड़ रुपये से कम गन्ना बकाया भुगतान बाकी है, जिसमें से अधिकांश इन समूहों से संबंधित हैं। उन्होंने दावा किया की, मिलों को किसानों को समय पर गन्ने का भुगतान सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा कई उपाय किए गए। नतीजतन, पिछले तीन सत्रों में लगभग 1,37,518 करोड़ रुपये के पूरे गन्ना भुगतान को किसानों को मंजूरी दे दी गई है।

मंत्री राणा ने एक बैठक में संवाददाताओं से कहा, हमने इन समूहों को वसूली प्रमाण पत्र जारी किए हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर, हम इन समूहों पर कड़ी नजर रख रहे हैं, चाहे वह मोदी हों, सिमाभोली और बजाज हिंदुस्तान हों। हम उनके खिलाफ नियमित कार्रवाई कर रहे हैं।.यूपी देश का सबसे बड़ा चीनी उत्पादक राज्य है, जो देश के कुल उत्पादन का लगभग 47 प्रतिशत हिस्सा है। चीनी उद्योग पर बड़े पैमाने पर निजी क्षेत्र का वर्चस्व है, यूपी में चीनी क्षेत्र सबसे बड़ा संगठित उद्योग है और राज्य के लगभग 6.6 मिलियन किसानों के लिए आजीविका का मुख्य स्रोत है।

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