लखनऊ: 2019-20 के मौसम में देश का सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य बने उत्तर प्रदेश में अक्टूबर 2020-सितंबर 2021 के मौसम में चीनी का उत्पादन लगभग 20% घटने की संभावना है। जिसके चलते राज्य में पिछले सीजन के 126 लाख टन के मुकाबले इस सीजन में 100 लाख टन उत्पादन होने का अनुमान लगाया गया है। उत्पादन में गिरावट मुख्य रूप से इथेनॉल उत्पादन में बढ़ोतरी, और गन्ने के खेतों में बारिश के पानी की वजह से कीटों की संख्या में वृद्धि के कारण है। उद्योग निकाय ISMA ने इथेनॉल में डायवर्जन के बाद लगभग 105 लाख टन चीनी उत्पादन का अनुमान लगाया था, लेकिन फील्ड रिपोर्ट के अनुसार, अपेक्षित रिकवरी और पैदावार से कम होने के कारण चीनी उत्पादन में और गिरावट आने की उम्मीद है।
एक मिलर के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में कुछ जिलों में मिलें गन्ना नहीं होने के कारण पहले ही बंद होने लगी हैं। अब तक 4 मिलें बंद हो चुकी हैं और कुछ और महीने के अंत तक बंद होने की उम्मीद है।
देश में कुल 20 लाख टन चीनी के इथेनॉल में परिवर्तित होने की उम्मीद है, जिसमे से लगभग 6.76 लाख टन उत्तर प्रदेश से होगा, इसके बाद महाराष्ट्र में 6.54 लाख टन और कर्नाटक में 5.41 लाख टन होगा।
फाइनेंसियल एक्सप्रेस में प्रकाशित खबर के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में गन्ना विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि, उन्हें राज्य में चीनी उत्पादन लगभग 98-105 लाख क्विंटल होने की उम्मीद है। इथेनॉल उत्पादन के लिए चीनी मिलों द्वारा बहुत जोर दिया जा रहा है, क्योंकि यह न केवल अधिशेष चीनी की समस्या को खत्म कर देगा, बल्कि गन्ना भुगतान करने में चीनी मिलों की मदद करेगा।