बागपत : जनपद में गन्ना किसानों के सामने रेड रॉट बीमारी का संकट खड़ा हुआ है, जिससे उनकी मुसीबते काफी बढ़ गई है। हिंदुस्तान में प्रकाशित खबर के अनुसार, रेड रॉट बीमारी से गन्ने की फसल को काफी नुकसान हो रहा है। फसल बर्बाद होने से किसानों को वित्तीय नुकसान हो रहा है। गन्ने की पैदावार लगभग 35 प्रतिशत से ज्यादा घट गई है। किसानों को लागत मिलना भी मुश्किल हो रहा है।
खबर में आगे कहा कहा गया है कि, जनपद में करीब 80 हजार हेक्टेयर भूमि पर गन्ने की बुआई की गई है। किसानों के मुताबिक इस बार अगस्त माह से गन्ने में रेड रोट रोग लगना शुरू हो गया था। किसानों ने कीटनाशक दवाओं का स्प्रे कर रोग को काफी रोकने की कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली। अक्तूबर व नवंबर माह में रेड रोट की वजह से 50 प्रतिशत से अधिक फसल में नुकसान हो गया था। किसानों ने गन्ने की पेडी की छिलाई शुरू की तो पैदावार घटने पर किसानों की चिंता बढ़ गई। किसानों के अनुसार पेडी 25 से 30 कुंतल प्रति बीघा के हिसाब से गन्ने की पैदावार निकल रही है। प्रत्येक वर्ष किसान जनवरी माह के अंत तक गन्ने की पेडी की छिलाई करता था, लेकिन इस बार 60 प्रतिशत किसानों की पेडी दिसंबर माह में ही खत्म हो जाएगी। गन्ने के पौधे की छिलाई फरवरी माह से शुरू होती है। ऐसे में जनवरी में पशुओं के लिए चारे की समस्या निर्माण होने की संभावना जताई जा रही है।