लखनऊ : उत्तर प्रदेश गन्ना विभाग ने 2024-25 गन्ना पेराई सत्र के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिसका उद्देश्य घटतौली की समस्या का समाधान करना है, जो राज्य में किसानों के लिए चिंता का विषय रहा है। इन उपायों में संबंधित चीनी मिलों के साथ-साथ तौल मशीन बनाने वाली कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई पर जोर दिया गया है। निर्देशों के तहत विभाग ने यह स्पष्ट किया है कि, यदि घटतौली का कोई मामला सामने आता है, तो जिम्मेदार चीनी मिल और तौल मशीन बनाने वाली कंपनी दोनों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। कानून की संबंधित धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की जाएगी।
इसके अतिरिक्त, दिशा-निर्देशों में यह भी प्रावधान है कि पिछले पांच वर्षों में घटतौली के अपराध के लिए दंडित किए गए व्यक्तियों को तौल क्लर्क के रूप में काम करने का लाइसेंस प्राप्त करने से रोक दिया जाएगा। उत्तर प्रदेश सरकार लाखों गन्ना किसानों के आर्थिक हितों की सुरक्षा को प्राथमिकता दे रही है, जिनमें से कई अपनी फसलों के उचित मूल्य प्राप्त करने के लिए उचित तौल पर निर्भर हैं। 5 नवंबर तक राज्य की 121 चीनी मिलों में से 32 पहले से ही चालू हैं और राज्य की कुल 70 चीनी मिलों ने मांगपत्र जारी कर गन्ना खरीदना शुरू कर दिया है।
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