मेरठ, उत्तर प्रदेश: अभी ग्रीष्मकालीन गन्ना बुआई चल ही रही है, लेकिन फॉल आर्मी वर्म के हमले से किसान चिंतित है। किसान इस कीट के हमले से निपटने की पुरजोर कोशिश कर रहे है। इस कीट से प्रभावित फसल को नुकसान हो सकता है। पहले टॉप बोरर (चोटी बेधक) और अब फॉल आर्मी वर्म ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। मेरठ मंडल में चीनी मिल और गन्ना विभाग के अधिकारियों ने किसानों को इस रोग से बचाव के लिए जानकारी देना शुरू कर दिया है।
लाइव हिंदुस्तान में प्रकाशित खबर के अनुसार, फॉल आर्मी वर्म पर काफी काम करने वाले लक्सर चीनी मिल के महाप्रबंधक (गन्ना) डॉ. बीएस तोमर ने कहा कि फॉल आर्मी कीट की वयस्क मादा एक बार में लगभग 200 तक अंडे 7 से 8 गुच्छों में देती है। मादा अपने जीवनकाल में 2000 तक अंडे दे सकती है। ये अंडे 3 से 4 दिनों में फूट जाते हैं और इसमें से लार्वा निकलता है। लार्वा का जीवनकाल 15 से 25 दिन और प्यूपा का 6 से 14 दिन का होता है। इस कीट का पूरा जीवन चक्र 35 से 60 दिनों का होता है। इसका लार्वा भूरा, धूसर रंग का होता है। जिसके शरीर के साथ अलग से ट्यूबरकल दिखता है। फॉल आर्मीवर्म के कैटरपिलर 100 से अधिक पौधों की प्रजातियों की पत्तियों, यों तनों और प्रजनन भागों को खाते हैं। इस कीट से गन्ने के अलावा मक्का, धान, ज्वार, गोभी, चुकंदर, मूंगफली सहित अन्य फसलों को भी बड़ा नुकसान पहुंचाता है।
गन्ना विभाग भी समय से किसानों को जागरूक कर रहा है और इसके बचाव के लिए उपाय बता रहा है।