लखनऊ: योगी आदित्यनाथ सरकार ने 2020-21 पेराई सत्र के लिए 26,061.57 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड गन्ना भुगतान किया है, और यह एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। महामारी के कारण चीनी की कम खपत के बावजूद गन्ने के बकाया का रिकॉर्ड भुगतान हुआ है। गन्ना विभाग के मुताबिक वर्तमान भुगतान 78.92 प्रतिशत है।
राज्य में 120 चीनी मिलें हैं, जिनमें से 93 निजी स्वामित्व वाली हैं, 24 सहकारी क्षेत्र में और तीन यूपी चीनी निगम की हैं। जिनमें से 39 मिलों ने 2020-21 सीजन के लिए 100% भुगतान किया है, जबकि 26 चीनी मिलों ने 80% गन्ना मूल्य भुगतान किया है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव (गन्ना विकास), संजय भूसरेड्डी ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि, विभाग द्वारा किए गए कई उपायों ने “रिकॉर्ड” भुगतान में योगदान दिया। दरअसल, एथेनॉल के उत्पादन और बिक्री में वृद्धि के कारण गन्ना मूल्य भुगतान में तेजी आई है। 2017 में सत्ता में आने के बाद, सरकार ने एक एस्क्रो खाता बनाया, जिसका संचालन मिल प्रतिनिधि और जिला गन्ना अधिकारी/वरिष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक द्वारा संयुक्त रूप से किया जाता था। नियमानुसार खाते में प्राप्त 85 प्रतिशत राशि किसान भुगतान के लिए रखी गई थी। इसके परिणामस्वरूप गन्ने के भुगतान के अलावा अन्य प्रयोजनों के लिए धन के इस्तेमाल को रोका गया।