लखनऊ: उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय गन्ना समितियों के चुनाव का माहोल गर्माने लगा है। प्रदेश के सभी सभी सियासी दल, कई किसान संगठनों ने चुनाव जितने के लिए कमर कस ली है। प्रदेश की तीन दर्जन से अधिक लोकसभा एवं करीब 200 विधानसभा सीटों पर गन्ना किसानों का प्रभाव साफ़ देखा जाता है। जिसमें खासकर पश्चिमी उप्र और पूर्वांचल की कई सीटें शामिल हैं। त्रिस्तरीय गन्ना समितियों का चुनाव नौ साल के अंतराल के बाद हो रहे है, इससे पहले गन्ना विकास समितियों के चुनाव वर्ष 2015 में हुए थे।
लाइव हिंदुस्तान में प्रकाशित खबर के अनुसार, 23 सितंबर से चुनाव प्रक्रिया शुरू होगी। जनपद में तीन गन्ना सोसायटी हैं। जिसमें तीन चेयरमैन बनने हैं। तीनों सोसायटी के लिए भाजपा में उम्मीदवारों की लाइन लगने लगी है। हापुड़ जिले में सिंभावली, धौलाना और हापुड़ सोसायटी में चेयरमैन बनने हैं। जिले में एक लाख के आसपास गन्ना किसान सदस्य है। इन किसानों की सूची को तैयार किया जा रहा है। 500 से अधिक डेलीगेट्स चुने जाएंगे। ये डेलीगेट्स प्रबंध समिति के तीनों क्षेत्र में 33 डायरेक्टर का चुनाव करेंगे। डायरेक्टर का चुनाव हो जाने के बाद तीसरे चरण में सभापति का चुनाव होगा। तीनों क्षेत्र में एक एक डायरेक्टर शासन से नामित किया जाना है।
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