उत्तर प्रदेश में गन्ना पेराई सत्र शुरू हो गया है और इस सीजन में गन्ना विभाग का अधिक फसल उत्पादन पर फोकस है। प्रदेश में गन्ना विभाग निरंतर प्रयास में रहता है की राज्य में गन्ना उत्पादन बढ़ाया जाए और इसके लिए समय समय पर वे किसानों को जागरूक करते रहते है। और इसी का नतीजा है की राज्य में अस्वीकृत किस्म का गन्ना क्षेत्रफल बहुत कम रह गया है।
गन्ना विभाग के मुताबिक, पेराई सत्र 2023-24 में शीघ्र किस्म का गन्ना क्षेत्रफल 97.72 प्रतिशत है जबकि अस्वीकृत किस्म का गन्ना क्षेत्रफल मात्र 0.2 प्रतिशत रह गया है। सहारनपुर, मेरठ, एवं मुरादाबाद परिक्षेत्र में अस्वीकृत किस्म का गन्ना क्षेत्रफल प्रतिशत शुन्य है।
पेराई वर्ष 2023-24 में शीघ्र किस्म का गन्ना क्षेत्रफल हुआ 97.72%,अस्वीकृत किस्म का गन्ना क्षेत्रफल रह गया मात्र 0.2%#upcane #canearea #canegrower #gannakisan @UPCane @UPGovt @CMOfficeUP @InfoDeptUP pic.twitter.com/vG5NHLMLZf
— Cane Development UP (@UPCane) November 6, 2023
वर्त्तमान सीजन के आगमन के साथ ही गन्ना विभाग सुनिश्चित कर रहा है की इस बार गन्ना भुगतान सुचारु रूप से हो और किसानों को समय से भुगतान हो। आपको बता दे, मुखयमंत्री योगी आदित्यनाथ के कड़े रुख के चलते चीनी मिलों ने पिछले पेराई सत्र के भुगतान में तेजी लाई है। राज्य सरकार ने नया पेराई सत्र पूरी तरह शुरू होने से पहले पिछले सीजन के शत प्रतिशत भुगतान पर जोर दिया है।