उत्तर प्रदेश: गन्ना किसानों के बकाये का मुद्दा विधानसभा में गूंजा

लखनऊ : विधानसभा में सोमवार को गन्ने का दाम न बढ़ाए जाने और बकाया भुगतान को लेकर सपा विधायक काफी आक्रामक हुए। गन्ना मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण ने कहा, सरकार गन्ना किसानों का पूरा भुगतान कराने में जुटी है, और बकाए का पूरा भुगतान कराया जाएगा। गन्ने का दाम न बढ़ने की वजह बताते हुए उन्होंने यह भी कहा कि गन्ना का दाम बढ़ाया जाए और किसानों को भुगतान में समस्या हो तो क्या फायदा। उन्होंने आरोप लगाया कि, एक और सपा सरकार ने चीनी मिलें बंद की तो दूसरी ओर एक कंपनी को 15 मिलें दे दीं।

हिंदुस्तान में प्रकाशित खबर के अनुसार, विधानसभा में मंगलवार को नियम 56 के तहत समाजवादी पार्टी विधायक पंकज मलिक ने गन्ना मूल्य बढ़ाने की मांग करते हुए कहा कि मिलों के पास कमाई के कई रास्ते हैं, लेकिन किसानों के पास कोई चारा नहीं है। कई मिलें गन्ना बकाए का भुगतान नहीं कर रही हैं। अतुल प्रधान ने कहा कि, सरकार गन्ने की बेहतर प्रजाति किसानों को उपलब्ध नहीं करवा पा रही है। सरकार 8 लाख करोड़ से ज्यादा का बजट लेकर आई लेकिन गन्ना किसानों का एक भी रुपया भी नहीं बढ़ाया गया।

विधायक नफीस अहमद ने कहा कि, चीनी मिल के अधिकारी किसानों का उत्पीड़न कर रहे हैं। घोसी चीनी मिल बंदी के कगार पर है। निजी चीनी मिलें किसानों की मजबूरी का फायदा उठाते हुए औने-पौने दामों पर गन्ना खरीद रही हैं। इन आरोपों का जवाब देते हुए गन्ना मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण ने कहा कि सठियांव चीनी मिल हम बंद नहीं होने देंगे। सरकार किसानों को सर्टिफाइड बीज पहुंचाने का अभियान चला रही है। चीनी मिलों व गन्ना समितियों से कहा है कि सर्टिफाइड बीज किसानों को पहुंचाएं। सरकार के इस जवाब से गन्ना का सवाल उठाने वाले तीन विधायकों ने सदन से वाकआउट किया। प्रदेश में पेराई सीजन अब अंतिम चरण में पहुंच चुका है, और कई मिलें शत प्रतिशत गन्ना मूल्य भुगतान करने में नाकाम साबित हुई है।

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