लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बारिश गुड इकाइयों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गन्ना क्षेत्र में लगातार बारिश से पूरे क्षेत्र में फैले गुड़ बनाने वाली इकाइयों को भारी नुकसान हुआ है। बारिश का पानी न केवल खेतों में बल्कि गन्ना क्रशरों में भी भर गया है। जिसके कारण गुड़ इकाईयों ने पिछले एक सप्ताह से काम करना बंद कर दिया है, जिससे कई करोड़ रुपये का भारी नुकसान होने का अनुमान है। बागपत, चांदपुर और किरतपुर में भी हालात खराब हुए है। मुजफ्फरनगर में रोजाना औसतन 4,000 क्विंटल गुड़ बाजार में बिक्री के लिए लाया जाता है, लेकिन अब यह मात्रा करीब 200 क्विंटल है। बिजनौर में, 800 कोल्हू लगभग 4,500 क्विंटल गुड़ का उत्पादन करते हैं, लेकिन अब यह उत्पादन पिछले एक सप्ताह में आधा हो गया है।
मुजफ्फरनगर और शामली जिलों से गुड़ बनाने वाली 3,000 से अधिक इकाइयां हैं। अब बारिश ने गुड़ उद्योग के साथ-साथ इससे जुड़े श्रमिकों को भी भारी नुकसान पहुंचाया है। एक छोटी गुड़ उत्पादक इकाई में 8-10 श्रमिकों की आवश्यकता होती है, जबकि एक बड़ी इकाई में 20-25 लोगों को काम पर रखा जा सकता है। एक गुड इकाई एक दिन में 18-20 क्विंटल गुड़ का उत्पादन करती है, लेकिन पिछले कुछ दिनों से सारा उत्पादन ठप हो गया है।