लखनऊ : उत्तर प्रदेश चालू वित्त वर्ष 2023-24 में लगभग 100 डिस्टिलरीज के साथ देश में सबसे बड़े एथेनॉल उत्पादक के रूप में उभरने के लिए तैयार है। गन्ना और आबकारी के अतिरिक्त मुख्य सचिव, संजय भूसरेड्डी ने कहा कि, वर्तमान में यूपी में 85 डिस्टिलरी शुरू है, और अगले कुछ महीनों में अन्य 15 डिस्टिलरीज शुरू होने वाली हैं।
100 डिस्टिलरीज गन्ना और अनाज पर चलेगी।इसके अलावा, राज्य सरकार ने अगले तीन वर्षों के भीतर राज्य में डिस्टिलरी की संख्या बढ़ाकर 140 करने का भी लक्ष्य रखा है। भूसरेड्डी ने कहा कि, एथेनॉल उत्पादन में वृद्धि मुख्य रूप से उस निवेश से प्रेरित होगी जो राज्य को वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन के दौरान प्राप्त हुआ था।इस साल के शुरू में वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया था।
इसी समय, राज्य सरकार ने धान और गेहूं के बड़े स्टॉक को देखते हुए अनाज आधारित डिस्टिलरीयों को बढ़ावा देने की योजना बनाई। रिकॉर्ड बताते हैं कि यूपी में 2022-23 में एथेनॉल का उत्पादन 134 करोड़ लीटर तक पहुंच गया, जो देश में सबसे ज्यादा था। 2023-24 में इसके 160 करोड़ लीटर तक जाने की उम्मीद है।
वास्तव में, राज्य सरकार दो क्षेत्रों में अतिरिक्त ईंधन भंडारण सुविधाओं की स्थापना के लिए जोर दे रही है – एक गोरखपुर-बस्ती-आजमगढ़ खंड के बीच और दूसरा मेरठ-मुरादाबाद बेल्ट में। परियोजनाओं को रेल और पेट्रोलियम मंत्रालय के समन्वय से क्रियान्वित करने का प्रस्ताव है। भूसरेड्डी ने कहा कि, राज्य सरकार दो सुविधाओं की स्थापना के प्रस्ताव को आक्रामक रूप से आगे बढ़ा रही है। वास्तव में, उत्तर प्रदेश लगभग 12 प्रतिशत इथेनॉल सम्मिश्रण सुनिश्चित कर रहा था।
उद्योग के सूत्रों ने कहा कि, एचपीसीएल जैसी तेल विपणन कंपनियां (ओएमसी) 11.63 प्रतिशत सम्मिश्रण कर रही है। रिकॉर्ड बताते हैं कि दिसंबर 2022 से 23 अक्टूबर के बीच 520 करोड़ लीटर के ठेके किए जा चुके हैं। इसमें से लगभग 240 करोड़ लीटर ओएमसी द्वारा मई 2023 तक उठा लिया गया है।