लखनऊ : उत्तर प्रदेश अक्टूबर से शुरू होने वाले गन्ना पेराई सत्र से सीधे गन्ने से एथेनॉल का उत्पादन शुरू करेगा। पेट्रोल के साथ सम्मिश्रण के लिए उपयोग किए जाने वाले एथेनॉल का उत्पादन सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम पिपराइच चीनी मिल गोरखपुर और बलरामपुर चीनी मिल में किया जाएगा। यूपी सरकार ने पिछले साल अक्टूबर में गन्ने से सीधे एथेनॉल बनाने का फैसला किया था और पिपराइच चीनी मिल में एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया था।
यूपी भारत में एथेनॉल का शीर्ष उत्पादक है। पेट्रोल के साथ मिश्रण के लिए एथेनॉल के अधिक उपयोग से चीनी उद्योग को अधिक राजस्व अर्जित करने और किसानों के भुगतान को मंजूरी देने में मदद मिलेगी। प्रदेश में एथेनॉल का उत्पादन करने वाली 53 डिस्टिलरी हैं और वार्षिक स्थापित क्षमता 158.44 करोड़ लीटर है। वित्तीय वर्ष 2016-17 में यूपी ने 42.70 करोड़ लीटर एथेनॉल का उत्पादन किया जो 2020-21 में बढ़कर 99.31 करोड़ लीटर हो गया। यूपी में 72 डिस्टिलरी हैं जिनमें 25 स्टैंडअलोन और 47 चीनी मिलों से जुड़े हैं।
चीनी उद्योग मंत्री सुरेश राणा ने सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि, अगले पेराई सत्र 2021-22 के लिए गन्ने के राज्य सलाहकार मूल्य में वृद्धि से किसानों को 4,000 करोड़ रुपये अतिरिक्त मिलेंगे। उन्होंने कहा कि, चीनी मिलों ने 2019-20 के 100 प्रतिशत भुगतान को मंजूरी दे दी है और पिछले सीजन (2020-21) के 85 प्रतिशत से अधिक भुगतान हुआ है। उन्होंने कहा कि, 2020-21 सीजन के लिए किसानों को 33,014 करोड़ रुपये में से चीनी मिलों ने अब तक 28,015 करोड़ रुपये का भुगतान किया है।
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