हरिद्वार: लक्सर चीनी मिल को पूरी क्षमता से चलाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है, क्योंकि मिल को पेराई के लिए जरुरी गन्ने से कम गन्ना हीं मिल रहा है। इससे मिल में ‘नो केन’ जैसी स्थिति पैदा हो रहा है। इससे मिलों को नुकसान उठाना पड़ रहा है।
लाइव हिंदुस्तान में प्रकाशित खबर के मुताबिक, जिले की बाकी दो मिलें में भी अपर्याप्त गन्ना आपूर्ति की समस्या का सामना करना पड़ रहा हैं। 2023 में आई बाढ़ से गन्ना उत्पादन में गिरावट आई है। हरिद्वार जिले में तीन चीनी मिले हैं। इनमें पेराई क्षमता और चीनी उत्पादन के मामले में लक्सर मिल सबसे बड़ी है। 2022-23 में लक्सर मिल की पेराई क्षमता रोज 1,10,000 क्विंटल थी। मिल प्रबंधन ने पिछले सत्र के बाद करीब 30 करोड़ रुपये खर्च कर नई, आधुनिक मशीनें लगाई। इससे पेराई क्षमता बढ़कर प्रतिदिन 1,30,000 क्विंटल हो गई है, लेकिन अब मिल प्रबंधन गन्ने के लिए संघर्ष कर रही है।