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चंडीगढ़ : उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक और अब पंजाब के गन्ना किसान भी भुगतान में देरी से काफी परेशान है। पेराई अंतिम चरण में है लेकिन राज्य की चीनी मिलों के साथ ही राज्य सरकार द्वारा किए जाने वाला भुगतान भी नहीं मिलने से किसानों में नाराजगी है। राज्य सरकार द्वारा किए जाने वाले 25 रुपये प्रति क्विंटल की कुल धनराशि में से केवल 20 फीसदी का ही अभी तक भुगतान किया गया है। गन्ना किसानों के बकाये का मुद्दा लोकसभा चुनाव में भी उठाया गया, लेकिन उसका हल निकलने में सरकार और मिलों को भी सफलता नही मिली।
पंजाब सरकार ने चालू गन्ना पेराई सीजन 2018-19 (अक्टूबर से सितंबर) के लिए गन्ना किसानों को राज्य परामर्श मूल्य (एसएपी) की 310 रुपये प्रति क्विंटल की राशि में से 25 रुपये प्रति क्विंटल का भुगतान करने की घोषणा की थी। चीनी मिलों को किसानों को 285 रुपये प्रति क्विंटल की दर से भुगतान करना है। यह कुल राशि 120 से 122 करोड़ रुपये होगी। पंजाब की चीनी मिलों पर किसानों का लगभग 1,250 करोड़ रुपये से ज्यादा का बकाया हो गया है लेकिन राज्य सरकार बकाया भुगतान में तेजी लाने के लिए कोई कदम नहीं उठा रही है। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने हाल ही में दिए फैसले में 15 दिन के अंदर गन्ना किसानों के बकाया भुगतान का आदेश दिया है।