नई दिल्ली: वैश्विक चीनी कीमतों में दबाव से भारतीय चीनी की निर्यात सौदों में रुकावट पैदा हुई है। पिछले कुछ महीनों मे चीनी कीमतों में काफी उछाल आया था, उस समय भारत द्वारा रिकॉर्ड चीनी निर्यात के अनुबंध किए गए थे। लेकिन वैश्विक स्तर पर हालात काफी बदल गये है। भारतीय चीनी मिलें निर्यात के लिए वैश्विक चीनी कीमतों में वृद्धि का इंतजार कर रहें है। इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (ISMA) ने कहा, चालू सीजन के लिए लगभग नौ महीने बाकी हैं, इसलिए मिलें अभी निर्यात अनुबंधों के लिए उपयुक्त समय की प्रतीक्षा कर रही हैं।
चालू 2021-22 सीज़न की अक्टूबर-नवंबर अवधि के दौरान, चीनी मिलों ने 6.5 लाख टन चीनी का निर्यात किया, जो एक साल पहले की अवधि में 3 लाख टन से अधिक था। इस्मा ने कहा कि मिलों ने अक्टूबर-नवंबर के दौरान 47.50 लाख टन चीनी बेची, जबकि इसी अवधि के लिए सरकार ने 46.50 लाख टन बिक्री कोटा निर्धारित किया था। समीक्षाधीन दो महीनों के दौरान कुल चीनी उत्पादन 115.55 लाख टन तक पहुंच गया, जबकि एक साल पहले की अवधि में यह 110.74 लाख टन था। गन्ना उत्पादक राज्यों में पेराई सीजन जारी है।