सीतामढ़ी: रीगा चीनी मिल मालिकों के खिलाफ बिहार के सीतामढ़ी और शिवहर जिले के 40 हजार से अधिक किसानों ने मोर्चा खोल दिया है। रीगा के किसान भवन में अध्यक्ष पारसनाथ सिंह ने किसानों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। बैठक में निर्णय लिया गया कि यदि रीगा चीनी मिल के प्रबंधकों ने 50 हजार किसानों के गन्ने का 122 करोड़ रुपए का बकाया इंटरेस्ट सहित नहीं चुकाया और तकरीबन 13 हजार गन्ना किसानों के खातों को एनपीए होने से नहीं बचाया तो किसान संगठन रीगा चीनी मिल मालिकों का छठ पर्व के बाद घेराव करेंगे।
बैठक में किसान मोर्चा के संरक्षक डा. आनन्द किशोर सहित दूसरे किसान नेता भी उपस्थित रहे। सभी ने चीनी मिल मालिकों को गन्ना किसानों के उग्र आंदोलन की चेतावनी दी। यहां चीनी बिक्री की राशि घटाकर किसानों को 85 प्रतिशत से 70 प्रतिशत करने के सरकारी आदेश पर भी चर्चा हुई। किसानों ने इसे साफ इंकार किया और कहा कि सरकार उनके साथ धोखा कर रही है। उन्होंने मांग की कि उनके खाते में चीनी और डिस्टीलरी से प्राप्त राशि का 85 प्रतिशत उनके एकाउंट में जाना चाहिए।
बैठक में मिल प्रबंधनों द्वारा किसानों और कर्मचारियों को परेशान करने का भी मामला उठा। यह भी कहा गया कि मिल के अधिकारी लंबे समय से मिल की आर्थिक स्थिति का रोना रो रहे हैं। किसानों के साथ उनका रवैया एकदम सौतेला है। वे झूठे आश्वासन देकर बकाये को लटकाए जा रहे हैं। यह भी कहा गया कि गन्ना किसानों के कर्ज को पाटने के लिए सरकार को गन्ने के बढ़ते उत्पादन लागत की समीक्षा करनी चाहिए और नए पेराई सत्र से गन्ने का खरीद मूल्य 600 रुपए से अधिक करना चाहिए।
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