बीड : चीनी मंडी
जिले में उपलब्ध गन्ना बेल्ट में सभी सहकारी और निजी चीनी मिलों ने 2019 -20 के गन्ना पेराई सीजन के लिए जोरदार तैयारी शुरू की है। लेकिन अभी तक किसी भी चीनी मिल ने अपने गन्ने के दाम तय नहीं किए हैं, जब तक एफआरपी के तहत गन्ना मूल्य की घोषणा नही की जाती, तब तक चीनी मिलें शुरू नही होने देंगे। स्वाभिमानी शेतकरी संघठन ने जिलाधिकारी को निवेदन के जरिये यह चेतावनी दी है। निवेदन में कहा गया है की, केंद्र सरकार के निर्धारित एफआरपी के अनुसार, गन्ना मूल्य तय किए बिना गन्ने का सीजन शुरू नहीं किया जाना चाहिए अन्यथा स्वाभिमानी शेतकरी संघठन के कार्यकर्ताओं द्वारा आंदोलन छेड़ा जायेगा।
वास्तव में, गन्ना किसानों को एफआरपी और 200 रूपये प्रति टन ज्यादा मिलने चाहिए, लेकिन अभी भी मराठवाड़ा में चीनी मिलों द्वारा शत प्रतिशत भुगतान नही हुआ हैं। गन्ना नियंत्रण अध्यादेश 1966 के अनुसार, 14 दिनों के भीतर संबंधित किसानों के बैंक खाते में गन्ना भुगतान करना अनिवार्य है। निर्धारित समय में भुगतान करने में नाकाम रहने पर कानूनी तौर पर बकाया राशि पर 15 प्रतिशत ब्याज देना पड़ता है। हालाँकि, इस कानून का पालन नही किया जा रहा है, इसलिए स्वाभिमानी शेतकरी संघठन की तरफ से बार-बार चीनी आयुक्त, क्षेत्रीय चीनी निदेशक, जिला कलेक्टर से इस संबंध में सख्त कानूनी कार्रवाई करने की अपील की गई है। इस निवेदन पर स्वाभिमानी शेतकरी संघठन के जिलाध्यक्ष कुलदीप करपे, गेवराई तालुकाध्यक्ष राजेन्द्र डाके -पाटिल, रेवकी सर्कल प्रमुख बलिराम शिंदे, पचगांव सर्कल प्रमुख उद्धव साबले आदि के हस्ताक्षर हैं।