मारगाओ: गोवा फॉरवर्ड पार्टी के अध्यक्ष विजई सरदेसाई ने संजीवनी चीनी मिल को सहकारिता विभाग के नियंत्रण से कृषि विभाग को स्थानांतरित करने के कैबिनेट के फैसले को “नई बोतल में पुरानी शराब” करार दिया है। उन्होंने दावा किया की, सरकार द्वारा कैबिनेट के बैठक में लिए हुए फैसले में कोई भी नई बात नही है। उन्होंने दावा किया कि, मिल पर नियंत्रण के लिए सहकारिता मंत्री गोविंद गौड और कृषि मंत्री चंद्रकांत कावलेकर के बीच चल रही खीचतान के कारण कैबिनेट के फैसले को लागू करने में देरी हुई।
सरदेसाई ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा की, जब मैं कृषि मंत्री था, तब यह निर्णय 18 फरवरी, 2019 को हुई कैबिनेट की बैठक के दौरान ही लिया गया था। तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर की अध्यक्षता में उनके निवास पर आखिरी कैबिनेट बैठक में यह फैसला हुआ था। मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत की घोषणा पर संतोष व्यक्त करते हुए, सरदेसाई ने इस फैसले के साथ आगे बढ़ने में 19 महीने की देरी पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा की, मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत तब कैबिनेट में नहीं थे, लेकिन उस बैठक में लिए गए निर्णय से अनभिज्ञ होने के लिए यह एक बहाना नहीं हो सकता है।ह मने राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के लाभों का लाभ उठाने का इरादा रखा था। हालांकि, प्रमोद सावंत की अगुवाई वाली सरकार पिछले 19 महीनों से इस फैसले पर सो रही थी।
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