चीनी मिल को लेकर गन्ना किसानों की मांगों पर विचार करेंगे: मुख्यमंत्री

पणजी : गन्ना किसानों और राज्य सरकार के बीच आयोजित बैठक अनिर्णायक रही, क्योंकि गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत संजीवनी मिल के भविष्य पर स्पष्ट रुख देने में विफल रहे। डॉ.सावंत ने बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें उप मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री चंद्रकांत कावलेकर ने भी हिस्सा लिया। बैठक के बाद मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने कहा कि, किसानों ने अपनी मांगों को रखा है, जिस पर राज्य सरकार गौर कर रही है। उन्होंने कहा, हम किसानों के सभी दावों को अपने अनुसार सुलझा लेंगे। हालांकि, हमने चीनी मिल के संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया है। मिल वर्तमान में बंद है और वर्तमान स्थिति में इसे चलाना संभव नहीं है, क्योंकि यह घाटे में है।

हेराल्ड गोवा डॉट कॉम में प्रकाशित खबर के मुताबिक, इससे पहले, कावलेकर ने बताया कि, बैठक फलदायी रही, मुख्यमंत्री और किसानों ने गन्ने की खेती के साथ या फिर अगर मिल का संचालन फिर से शुरू नहीं होता है तो भविष्य में वैकल्पिक फसल का विकल्प चुनने के लिए सहमति व्यक्त की है। उन्होंने कहा, हमने पहले ही किसानों के कुछ दावों को सुलझा लिया है। जहां तक खड़ी फसल का सवाल है, उसी का भी ध्यान रखा जाएगा। किसान नेता राजेंद्र देसाई ने कहा, हमारी पहली मांग यह है कि सरकार हमें चीनी मिल के भविष्य के बारे में लिखित में निर्देश दे। चाहे वह पेराई सत्र संचालित करे या उसे बंद करे। सरकार ने कहा है कि, उन्हें अभी फैसला नहीं करना है। देसाई ने कहा कि, हमने मुख्यमंत्री को सूचित किया है कि एक निजी पार्टी ने दो महीने के लिए मिल चलाने में रुचि दिखाई है; लेकिन सरकार अभी तक इस पर कोई विचार नहीं कर रही है। देसाई ने कहा, मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने हमारे दावों को निपटाने का आश्वासन दिया है।

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5 COMMENTS

    • गुनाह गन्ना पैदा करने य न पैदा करने से नही है गुनाह तो किसान के घर मे खुद के पैदा होने का है
      रही बात किसानो की दुर्दशा की तो सिर्फ खेती पर जीवित रहने वाले किसानो को ईश्वर का श्राप है,उसका जीवन मुंशी प्रेम चन्द्र की कहानी के नायक की तरह है जिसका जीवन ही संघर्श की तरह है

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