नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने 2025 तक E20 समिश्रण का लक्ष्य रखा है, और इस लक्ष तक पहुँचने के लिए केंद्र सरकार पुरजोर कोशिशों में जुटी है। केवल गन्ने से ही नहीं बल्कि मक्के से एथेनॉल उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार प्रयासरत है। एथेनॉल उत्पादन के लिए मक्के की मांग लगातार बढ़ रही है, साथ ही पोल्ट्री फीडस्टॉक के लिए भी मक्का काफी जरुरी है। इसलिए केंद्र सरकार और कई राज्यों की सरकारों ने भी अब मका उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया है। केंद्र सरकार ने ‘एथेनॉल उद्योगों के जलग्रहण क्षेत्र में मक्का उत्पादन में वृद्धि’ नाम से प्रोजेक्ट शुरू किया है। इस प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी आईसीएआर के अधीन आने वाले भारतीय मक्का अनुसंधान संस्थान(IIMR) को दी गई है।
जी न्यूज में प्रकाशित खबर के मुताबिक, इस प्रोजेक्ट में एफपीओ, किसान, डिस्टिलरी और बीज उद्योग को साथ लेकर काम किया जायेगा। इसके तहत इस समय किसानों को ज्यादा पैदावार देने वाली किस्मों के बीजों का वितरण किया जा रहा है। आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, ओडिशा और उत्तर प्रदेश में डीएचएम-117 और डीएचएम-121 किस्म के 3000 किलो बीज अब तक वितरित किये गए है। इस प्रोजेक्ट को लीड कर रहे आईआईएमआर के वरिष्ठ मक्का वैज्ञानिक डॉ. एसएल जाट कहा की, इस प्रोजेक्ट के तहत पूरे भारत में 15 राज्यों में 15 क्लस्टर बनाए गए है। इसके तहत 78 जिलों को शामिल किया गया है। इन 15 राज्यों में आंध्र प्रदेश, असम, पंजाब, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, तमिलनाडु , केरल, उत्तराखंड, कर्नाटक और हरियाणा शामिल है।
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