WISMA की केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी से चीनी MSP में वृद्धि करने की मांग

नई दिल्ली : वेस्ट इंडियन शुगर मिल्स असोसिएशन (विस्मा/WISMA) ने केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रल्हाद जोशी से चीनी के MSP में तत्काल संशोधन की मांग की। केंदीय मंत्री जोशी को दिए ज्ञापन में ‘WISMA’ ने कहा है कि, सत्र 2024-25 के लिए गन्ने के एफआरपी को बढ़ाकर 340 रुपये प्रति क्विंटल करने के बाद अब चीनी के MSP में तत्काल संशोधन की आवश्यकता है।

MSP में बढ़ोतरी नहीं, FRP में लगातार वृद्धी…

ज्ञापन में आगे कहा गया है की, हम भारत सरकार और आप के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करते हैं कि आपने भारतीय चीनी उद्योग को निरंतर समर्थन दिया है, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। हम आपका ध्यान चीनी सीजन 2018-19 के लिए 14 फरवरी, 2019 को अधिसूचित होने के बाद से चीनी एमएसपी में 31 रुपये प्रति किलो से ज्यादा वृद्धि नही हुई है। दूसरी तरफ गन्ना मूल्य में लगातार वृद्धि हुई है। सीजन 2024-25 के लिए भी गन्ने के एफआरपी को 275 रुपये से बढ़ाकर 340 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। ‘WISMA’ ने कहा, पूरे भारत में चीनी उत्पादन की लागत में काफी वृद्धि हुई है, जो राज्यवार चीनी उत्पादन लागत के आधार पर 41.66 रुपये प्रति किलो है। यह रिपोर्ट भारतीय चीनी एवं जैव-ऊर्जा निर्माता संघ (इस्मा) और राष्ट्रीय सहकारी कारखाना संघ लिमिटेड द्वारा संयुक्त रूप से 04 सितंबर, 2024 को भारत सरकार को सौंपी गई है

वर्तमान चीनी मूल्य 3500 से 3550 रुपये प्रति क्विंटल के बीच…

महाराष्ट्र राज्य मंत्री समिति के निर्णय के अनुसार, महाराष्ट्र चीनी सीजन 2024-25 अगले महीने 15 नवंबर 2024 को शुरू हो रहा है। अनुकूल मानसून के कारण 14 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में गन्ने की फसल की अच्छी स्थिति है। महाराष्ट्र में चीनी उत्पादन 110 लाख टन से ज्यादा होने का अनुमान है। चीनी मिलों की मुख्य आय चीनी की बिक्री से होती है और चीनी एस-30 ग्रेड के लिए वर्तमान बाजार मूल्य 3500 से 3550 रुपये प्रति क्विंटल के बीच है। खराब उठान चीनी मिलों के लिए बड़ी चिंता का विषय है। चीनी के अधिसूचित एमएसपी 3100 रुपये प्रति क्विंटल और चीनी के एमएसपी के आधार पर चीनी मिलों द्वारा गिरवी रखे गए चीनी स्टॉक पर बैंक से उपलब्ध धन गन्ने के भुगतान की 14 दिनों की वैधानिक अवधि के साथ गन्ने के एफआरपी 3400 रुपये प्रति टन को कवर नहीं करेगा।

… अन्यथा आगामी पेराई सत्र शुरू नहीं करने के लिए बाध्य

WISMA ने पत्र में कहाकी चीनी/एथेनॉल और गन्ने की कीमतों में कोई समानता नहीं है, इसलिए चीनी के साथ-साथ एथेनॉल उत्पादन लागत भी समय पर गन्ने के भुगतान के लिए कम है। इसलिए, हम आपका ध्यान चीनी के न्यूनतम विक्रय मूल्य (MSP) में 41.66 रुपये प्रति किलो की उत्पादन लागत पर वृद्धि पर ध्यान देने के लिए आकर्षित करते हैं, जिससे नवंबर-2024 में चीनी मिलों में पेराई कार्य शुरू करने और किसानों को बिना किसी बाधा के गन्ना भुगतान करने में मदद मिलेगी, अन्यथा हम आगामी सत्र में पेराई कार्य शुरू नहीं करने के लिए बाध्य होंगे।

चीनी उद्योग पर अधिक जानकारी और अपडेट के लिए, Chinimandi.com पढ़ते रहें।

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