मुंबई: वेस्ट इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (WISMA) ने राज्य के सहकारिता मंत्री बालासाहेब पाटिल को दिए ज्ञापन में मांग की है कि, चीनी सीजन 2021-2022 में गन्ने की अतिरिक्त पेराई के लिए गन्ना परिवहन और चीनी रिकवरी में कमी पर अनुदान दी जाए। ज्ञापन में कहा गया है कि, चीनी सीजन 2021-2022 में राज्य में गन्ने की खेती का रिकॉर्ड 12.32 लाख हेक्टेयर क्षेत्र है और अब तक लगभग 1150 लाख टन गन्ने की पेराई की जा चुकी है। वहीं, 112 लाख टन चीनी उत्पादन और चीनी को एथेनॉल में बदला गया है। राज्य सरकार और चीनी आयुक्तालय द्वारा समय-समय पर दिए गए मार्गदर्शन के कारण महाराष्ट्र ने गन्ना और चीनी उत्पादन में देश में शीर्ष स्थान हासिल किया है।
मराठवाड़ा में इस सीजन चीनी मिलें पुरे क्षमता से पेराई कर रही है लेकिन फिर भी 31 मई 2022 तक 15 से 20 लाख टन अतिरिक्त गन्ना पेराई के लिए उपलब्ध रहेगा। खास तौर पर उस्मानाबाद, बीड, जालना और परभणी जिले में ज्यादा तादाद में अतिरिक्त गन्ना पेराई के लिए उपलब्ध रहने की आशंका है। राज्य में गर्मी भी बढ़ रही है जिसका असर गन्ना कटाई पर दिखता हुआ नजर आ रहा है। गन्ना कटाई और गन्ना परिवहन मजदुर बढ़ती गर्मी के साथ कम होते जा रहे है जिसका सीधा असर चीनी मिलों के जेब पर पड़ रहा है। इसके चलते चीनी मिलों को गन्ना कटाई और परिवहन के लिए अब ज्यादा धन खर्च करना पड़ रहा है।
मराठवाड़ा में इस साल गन्ने का अतिरिक्त उत्पादन हुआ है। पूर्व में, राज्य सरकार अतिरिक्त गन्ना पेराई के लिए कई बार चीनी मिलों को आर्थिक सहायता कर चुकी है। इसी क्रम में मराठवाड़ा में अतिरिक्त गन्ना पेराई के लिए तुरंत शासन स्तर पर निर्णय लेने की आवश्यकता है। इस संदर्भ में उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने विधानसभा में आश्वासन दिया है कि, प्रदेश में कहीं भी अतिरिक्त गन्ना नहीं बचेगा और चीनी मिलों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। ज्ञापन में कहा गया है कि, चीनी मिल कार्यक्षेत्र के बाहर का गन्ना पेराई करने वाली मिलों को परिवहन सब्सिडी प्रदान करने का निर्णय 31 मार्च, 2022 से पहले लिया जाना चाहिए।
WISMA ने आग्रह किया है की 1 अप्रैल 2022 से 3 रूपये प्रति टन प्रति कि.मी.- 50 कि.मी. परिवहन अनुदान पर विचार किया जाए और रिकवरी कमी अनुदान अप्रैल 2022 के लिए 150 रूपये प्रति टन और मई और जून के लिए 250 रूपये प्रति टन मंजूर हो।