नई दिल्ली / जिनेवा: भारत के खिलाफ विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) को शिकायत दर्ज कराने के ढाई साल बाद, ऑस्ट्रेलियाई गन्ना उत्पादक अंतरराष्ट्रीय अदालत में अपनी चिंताओं को साझा करेंगे। भारत के खिलाफ औपचारिक विवाद की शुरुआत ऑस्ट्रेलियाई, ब्राजील और ग्वाटेमाला ने 2018 में की थी। उन्होनें आरोप लगाया की, भारतीय गन्ना किसानों के लिए भारत सरकार द्वारा जारी सब्सिडी के कारण वैश्विक चीनी कीमतों में भारी गिरावट आई, जिसका खामियाजा दुनिया के अन्य देशों के चीनी उद्योगों को हुआ। क्वींसलैंड और ऑस्ट्रेलियाई कैनग्रोज संघों के अध्यक्ष पॉल स्कीम्ब्री ने कहा कि, हमारे लिए यह राहत की बात है कि डब्ल्यूटीओ में सुनवाई आखिरकार आगे बढ़ रही है।
औपचारिक सुनवाई आमतौर पर जिनेवा में व्यक्तिगत रूप से आयोजित की जाती है, लेकिन COVID-19 के कारण उन्हें ऑनलाइन स्थानांतरित कर दिया जाएगा। शुरुआत में सुनवाई मई में होने वाली थी, लेकिन महामारी के कारण स्थगित कर दी गई थी और कुछ हफ्तों के समय के लिए पुनर्निर्धारित किया गया था।
भारतीय चीनी उद्योग पिछले कुछ वर्षों से विभिन्न बाधाओं से जूझ रहा है, और इस क्षेत्र को संकट से बाहर लाने के लिए सरकार ने विभिन्न उपाय उठाये हैं। सरकार का कहना है की चीनी उद्योग को दी गई सहायता विश्व व्यापार संगठन के नियम के तहत है।