लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मौसम विभाग, कृषि विश्वविद्यालयों और कृषि विज्ञान केंद्र के बीच समन्वय पर जोर दिया, जिससे आम लोगों के साथ साथ किसानों की मदद करने के लिए सटीक मौसम पूर्वानुमान सुनिश्चित करने के लिए एक तंत्र विकसित किया जा सके, ताकि फसलों को नुकसान ना हो। उत्तर प्रदेश काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च के 31 वें स्थापना दिवस पर रविवार को एक वेबिनार के माध्यम से बोलते हुए उन्होंने कहा की, हम मौसम के पूर्वानुमान के माध्यम से किसानों को सतर्क रख सकते हैं। हम बेहतर तकनीक का उपयोग करके भारी बारिश और बिजली की वजह से जीवन और संपत्ति के नुकसान को भी रोक सकते हैं। उन्होंने कहा कि, राज्य सरकार, केंद्र सरकार के साथ मिलकर कृषि विश्वविद्यालयों के साथ समन्वय कर रही है और आधुनिक तकनीक प्रदान कर रही है। कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से किसानों को प्रौद्योगिकी और सूचना और उनके जीवन में बदलाव लाने का प्रयास शुरू है। उन्होंने कहा कि, पिछले तीन वर्षों में उत्तर प्रदेश में स्थापित 30 विज्ञान केंद्र इसका प्रमाण हैं।
योगी ने पिछली सरकार पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि, जब उन्होंने राज्य की बागडोर संभाली, तो उन्होंने पाया कि किसान सरकार द्वारा हुई उपेक्षा के कारण आत्महत्या कर रहे हैं। अब स्थिति बदल गई है, और किसान काफी संतुष्ट हैं। उन्होंने कहा कि, कोरोना वायरस संकट के बीच, सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए प्रयास किए हैं कि किसी भी किसान को किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े। लॉकडाउन के चार चरणों के दौरान 119 चीनी मिलों ने संचालन जारी रखकर गन्ने की पेराई लगभग पूरी कर ली है। विभिन्न क्षेत्रों में जो भी काम किया गया है, वह सरकार के किसान-हितैषी कार्यक्रमों का परिणाम है।
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