कर्नाटक: किसानों ने सरकार से चीनी रिकवरी दर से संबंधित गड़बड़ी को रोकने के लिए कमिटी बनाने का आग्रह किया

कर्नाटक राज्य गन्ना किसान संघ ने केंद्र से आगामी सीजन के लिए गन्ने की कीमत बढ़ाने और चीनी मिलों द्वारा चीनी रिकवरी दर को लेकर किसानों के साथ धोखाधड़ी को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने का आग्रह किया है।

मंगलवार को मीडिया को संबोधित करते हुए एसोसिएशन के अध्यक्ष हल्लीकेरेहुंडी भाग्यराज ने कहा कि चालू वर्ष के लिए गन्ना कटाई का मौसम समाप्त हो चुका है। उन्होंने सरकार से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि किसानों को कम से कम ₹5,000 प्रति टन मिले, जिसमें केंद्र द्वारा निर्धारित उचित और लाभकारी मूल्य (FRP) और मोलासेस, एथेनॉल और अन्य उप-उत्पादों से उत्पन्न अतिरिक्त राजस्व शामिल हो।

उन्होंने कहा कि केवल केंद्र द्वारा निर्धारित एफआरपी पर निर्भर रहने के बजाय राज्य सरकार को किसान हितैषी कदम उठाने चाहिए तथा किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए लाभकारी एसएपी लागू करना चाहिए।

द हिन्दू में प्रकाशित खबर के मुताबिक, उन्होंने सरकार से यह भी आग्रह किया कि चीनी मिलों के सामने तौल कांटे लगाए जाएं ताकि गन्ने के वजन मापने में धोखाधड़ी को रोका जा सके। इसके अलावा, उन्होंने चीनी रिकवरी दर से संबंधित किसी भी तरह की गड़बड़ी की निगरानी और रोकथाम के लिए स्थानीय स्तर पर विशेषज्ञ कमिटी के गठन का भी आह्वान किया।

बकाया भुगतान पर चिंता जताते हुए उन्होंने पिछले वर्षों से गन्ना किसानों को बकाया 950 करोड़ रुपये का तत्काल भुगतान करने की मांग की। एसोसिएशन ने चेतावनी दी है कि अगर ये मांगें पूरी नहीं की गईं तो वे विरोध प्रदर्शन शुरू करेंगे।

 

 

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